Healing
हीलिंग एक व्यापक शब्द है जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्तर पर रोगों, तनाव, दुःख, बीमारियों और अस्तित्व के विभिन्न प्रकार के संकटों को ठीक करने की प्रक्रिया को दर्शाता है। इसका मुख्य उद्देश्य संतुलन, पुनर्स्थापना और पुनर्योग को स्थापित करके पूर्ण स्वास्थ्य, सुख और आत्मिक समृद्धि को प्राप्त करना होता है।
हीलिंग में विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया जाता है, जैसे कि चिकित्सा, ध्यान, मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग, योग, प्राणायाम, मेडिटेशन, रेकी, आरोमा थेरेपी, प्राणिक चिकित्सा, क्रिस्टल थेरेपी, आवाज थेरेपी आदि। ये तकनीकें शारीर, मन और आत्मा के संतुलन को बढ़ाने, प्राकृतिक गुणों को जागृत करने, ऊर्जा को संचालित करने और रोगों या संकटों को दूर करने में मदद करती हैं।
हीलिंग की व्यापकता और विविधता के कारण, यह विभिन्न धार्मिक, दार्शनिक और आध्यात्मिक परंपराओं से जुड़ी हो सकती है और उनके तत्वों और सिद्धांतों पर आधारित हो सकती है। हीलिंग के माध्यम से, व्यक्ति अपने शरीर, मन और आत्मा की ऊर्जा को संतुलित करता है और स्वस्थ और समृद्ध जीवन की प्राप्ति के लिए आत्मविश्वास, स्वास्थ्य और उच्चतम स्तर के अवस्थान को प्राप्त कर सकता है।
कई केसेस के हीलिंग कमाल के परिणाम देती है। लेकिन इसके लिए साधक के पास एकाग्रता नाम की शक्ति होनी चाहिए। बिना एकाग्रता के हीलिंग काम ही नहीं करती। हीलिंग करने से पहले शरीर में प्राणायाम की मदद से प्राण उर्जा को भी बढ़ाया जाता है.
हीलिंग विभिन्न प्रकारों में हो सकती है और इनमें से कुछ प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:
शारीरिक हीलिंग: शारीरिक हीलिंग शारीरिक रोगों और आवारण को ठीक करने के लिए की जाती है। इसमें चिकित्सा, योग, प्राणायाम, आरोमा थेरेपी, रेकी, मांगनेटिक थेरेपी आदि शामिल हो सकते हैं।
मानसिक हीलिंग: मानसिक हीलिंग मनोवैज्ञानिक तकनीकों का उपयोग करके मानसिक और भावनात्मक संतुलन को सुधारने का प्रयास करती है। यह ध्यान, ध्यानाभ्यास, आवाज थेरेपी, स्वाध्याय, आत्मविश्वास निर्माण, मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग, पॉजिटिव अवतरण आदि के माध्यम से हो सकती है।
ऊर्जा चिकित्सा: ऊर्जा चिकित्सा अवसाद, तनाव, शारीरिक और मानसिक रोगों को ठीक करने के लिए ऊर्जा के प्रवाह का उपयोग करती है। इसमें रेकी, प्राणिक चिकित्सा, क्वांटम हीलिंग, एनर्जी बैलेंसिंग आदि शामिल हो सकते हैं।
स्पिरिचुअल हीलिंग: स्पिरिचुअल हीलिंग आत्मिक और आध्यात्मिक संतुलन को सुधारने का प्रयास करती है। इसमें प्रार्थना, मेडिटेशन, रेकी, क्रिस्टल थेरेपी, एंजेलिक हीलिंग, प्राणिक चिकित्सा आदि शामिल हो सकते हैं।
संगठित हीलिंग: संगठित हीलिंग अस्पष्ट शारीरिक, मानसिक या आध्यात्मिक समस्याओं को ठीक करने के लिए संगठित तकनीकों का उपयोग करती है। इसमें प्रोफेशनल काउंसलिंग, परिवार चिकित्सा, विवाह और संबंध संशोधन, ग्रुप थेरेपी आदि शामिल हो सकते हैं।
ब्रेन हीलिंग – यह एक बिल्कुल ही नया कांसेप्ट है. इसमें ब्रेन में विभिन्न भागों पर हीलिंग की जाती है। सबसे पहले ब्रेन के भागो को समझा जाता है। फिर जरुरत के हिसाब से प्रकाशीय हीलिंग का प्रयोग किया जाता है।
यह सिर्फ कुछ प्रमुख हीलिंग प्रकार हैं और इसके अलावा भी अनेक तरीके हो सकते हैं जो विभिन्न धार्मिक, दार्शनिक और आध्यात्मिक परंपराओं से संबंधित हो सकते हैं।