हमारी सांसो के पीछे छिपा एक विज्ञानं – स्वर योग
स्वर योग हमारी सांसो के पीछे छिपा हुआ एक ऐसा विज्ञानं है जिस से हम आमतौर पर अनभिज्ञ रहते है. प्राचीन समय के इस विद्या का प्रयोग इस विद्या के जानकार करते थे. जब हम नाक से सांस लेते है तो इस में तीन बाते हो सकती है.
तीन प्रकार के ब्रीदिंग पैटर्न (Breathing Patterns)
हम अपनी बायीं नासिका (लेफ्ट नोस्त्रिल) से सांस ले सकते है
या फिर हम अपनी दायीं नासिका (राईट नोस्त्रिल) से सांस ले सकते है
या फिर ऐसा भी हो सकता है कि हम अपनी दोनों नासिकाओं से एक साथ साँस ले सकते है.
इस तरह से तीन तरीको से दिन भर हम सांस लेते रहते है जिसका आमतौर पर हमें पता ही नहीं चल पाता क्यूंकि हम इस बात के प्रति सजग ही नहीं होते.
सारा का सारा सिस्टम आटोमेटिक है
सांस किस नासिका में कब तक चलेगी यह सारा का सारा सिस्टम आटोमेटिक है. अपने आप ही चल रहा है. कुछ समय के लिए तो हम नासिका में चलने वाली साँस की गति को बदल सकते है लेकिन वास्तव में यह अपने आप ही सूर्य और चाँद कि कलाओं पर निर्भर करता है.
इस प्रकार से हमें तीन तरह के ब्रीदिंग पैटर्न (Breathing Patterns) मिलते है.
इस शाश्त्र का ज्ञान भगवान् शिव ने माता पार्वती को दिया था. यह बहुत ही गहरा विज्ञानं है.
सांसो के साथ 5 तत्व विद्यमान रहते है
हमारी सांसो के हर अमे 5 तत्वों में से किसी एक का या फिर 2 तत्वों का एक साथ भी समावेश हो सकता है.
आप दिन में 4-5 बार अलग अलग समय पर जब अपनी सांस को चेक करेंगे तो आप पायेगे कि कभी साँस की लम्बाई थोड़ी होती है और कभी ज्यादा. साँस कि लम्बाई से हमें सांसो में विद्यमान पांच तत्वों का पता चलता है.
अच्छे और बुरे का ज्ञान देता है स्वर विज्ञानं
कब कौनसा कार्य करना चाहिए और कब नहीं यह बात इस गहरे विज्ञानं से हमें पता चलती है. कौनसा समय हमारे लिए शुभ है और कौनसा अशुभ इसका ज्ञान हमें स्वर विज्ञानं समझने के बाद हमें पता चल जाता है.
तत्वों और नाड़ी का समावेश
किस तत्व में क्या करना चाहिए और किस में क्या नहीं करना चाहिए और कौनसा तत्व लाभ दिलाता है और कौनसा तत्व नुक्सान करवाता है. इस तरह का ज्ञान हमें स्वर विज्ञानं से प्राप्त होता है.
स्वर विज्ञानं कोर्स(Swara Yoga Course)
इन कोर्सेज में हम विस्तार से स्वर विज्ञानं के बारे में चर्चा करते है. हर बार प्रैक्टिकल के साथ समझाई जाती है और आपको प्रैक्टिकल वर्क भी दिया जाता है जिसे आपको करके हमारे ऑनलाइन फॉर्म में भर कर हमें भेजना होता है. जिसे हम जांचने के बाद आपको काउन्सलिंग भी देते है.
कोर्स अवधि (Course Duration)
- स्वर विज्ञानं बेसिक कोर्स – 3 Months
- स्वर विज्ञानं बेसिक प्लस कोर्स – 4 Month
- स्वर विज्ञानं एडवांस्ड कोर्स – 6 Months
- स्वर विज्ञानं सुपर एडवांस्ड कोर्स – 6 Months
पर्सनल काउन्सलिंग (Personal Counseling)
इस कोर्स में हम व्यक्तिगत काउन्सलिंग हर साधक को देते है जिसमे साधक को छोटी से छोटी समस्या का समाधान मिल जाता है.
विषय सामग्री (Course Contents)
विषय सामग्री आपको छोटे छोटे विडियो के रूप में भेजी जाती है जिसमे आसान भाषा में कोर्स के सभी अंगो को समझाया जाता है. कोर्स का हर अंग प्रैक्टिकल के रूप में बताया जाता है.
ऑनलाइन क्लास (Online Class)
इस कोर्स में समय समय पर ऑनलाइन क्लास भी ली जाती है जिस से साधक को प्रैक्टिकल करके दिखाए जाते है और ऑनलाइन क्लास में साधक अपनी शंकाओं का भी समाधान कर सकते है.
यह ऑनलाइन क्लास आमतौर पर रविवार (Sunday) या फिर छुट्टी के दिन (National Holidays) organize की जाती है.
15 Breath Elemental Patterns
सांसो के तीन पैटर्न और 5 तत्वों के साथ मिल कर कुल 15 अलग अलग पैटर्न बनाते है. इन ही 15 पैटर्न कि मदद से चलता है स्वर विज्ञानं.
कोर्सेज शुल्क (Course Fees)
स्वर विज्ञानं पर हमारे 4 कोर्सेज है:-
- स्वर विज्ञानं बेसिक कोर्स – Fee 4200.00
- स्वर विज्ञानं बेसिक प्लस कोर्स – Fee 7200
- स्वर विज्ञानं एडवांस्ड कोर्स – Fee 11300
- स्वर विज्ञानं सुपर एडवांस्ड कोर्स – Fee 21300