हीलिंग पर रिसर्च
हीलिंग पर बहुत सारी रिसर्च जर्मनी, रूस में हुई है. किर्लियन कैमरा का जब से आविष्कार हुआ है तब से इस फील्ड में बहुत सारा कार्य हो चूका है. मैं कुछ खास बाते आपके साथ शेयर करना चाहता हूँ. लेकिन हीलिंग का मतलब समझना होगा. हीलिंग एक पद्धति है जैसे की आयुर्वेद है, होमियोपैथी है, एलॉपथी है, यूनानी है और बहुत सारी पद्धतियाँ है. सबके अपने अपने तरीके है काम करने के. लेकिन हीलिंग बिलकुल ही अलग है बिलकुल अलग.
हीलिंग स्थूल शरीर की बजाये प्राण शरीर पर काम करती है
जितनी भी अन्य पद्धतियाँ है वो स्थूल शरीर पर काम करती है. लेकिन हीलिंग स्थूल शरीर की बजाये प्राण शरीर पर काम करती है. इस स्थूल शरीर के पीछे प्राण शरीर शरीर ही है जो स्थूल शरीर को एनिमेट कर रहा है. प्राण विद्या का इस्तेमाल करते हुए हीलिंग न केवल स्थूल शरीर को सही करती है बल्कि हीलिंग मानसिक रोगों में भी बखूबी काम करती है.
हीलिंग पर मेरा अपना अनुभव
कुछ खास बाते आपके साथ मैं शेयर करना चाहुगा जोकि हीलिंग पर मेरा अपना अनुभव है और दूसरा मैंने कुछ रिसर्च पेपर्स भी स्टडी किये है. हीलिंग पर हम योगा माई लाइफ पर एक कोर्स चलाते है. बहुत सारे लोग समूचे विश्व से हमारे साथ जुड़े हुए है. सबसे मुश्किल काम जो अब तक मैंने हीलिंग से किया वो है Vitiligo को ठीक करना. यह वो बीमारी है जिसमे White Patches skin पर उभरने लगते है और इस बीमारी का सीधे तौर पर कोई इलाज़ नहीं है. यह मैंने हीलिंग से ठीक किया है. यह मैंने आपके साथ इस लिए शेयर कर रहा हूँ ताकि आप इस तकनीक का प्रयोग कर सके.
मानसिक रोगों पर हीलिंग का प्रयोग
इसके इलावा मानसिक रोगों पर भी मैंने इसका प्रयोग किया है जिसमे बड़े ही कमाल के रिजल्ट्स आये है. रिश्तों को सुधारने में हीलिंग का प्रयोग किया है. क्रोध को शांत करने में इसका प्रयोग किया है. अनचाहे डर को भागने में इसका प्रयोग किया है. ऐसा मैंने आप में से बहुत सारे लोगों के साथ किया है. मैं चाहुगा कि वो लोग भी इस विडियो के नीचे अपने कमेंट दे.
बात यह है कि हीलिंग काम कैसे करती है. हीलिंग प्राण शरीर पर काम करती है. प्राण शरीर का वैज्ञानिक सबूत किर्लियन कैमरा से ली हुई तस्वीरें है. प्राण उर्जा हमारे शरीर के हर अंग के पीछे काम कर रही है. एक तरह से हमारा हर अंग प्राण उर्जा से ही बना हुआ है. प्राण शब्द का मतलब जीवन है. प्राण है तो जीवन है और अगर प्राण निकल गए तो मृत्यु है. मृत्यु किसकी है. शरीर की है. भारतीय ऋषियों ने प्राण विद्या पर बहुत काम किया है. प्राणयाम में हम अपने शरीर के प्राण के विस्तार करते है.